दबी मुक्द्द्मो तले न्यायपालिका
अदालतों में बड़ते मुकद्दमे
बढाते जा रहे हैं लोगो की ज़िन्दगी के सदमे............,
जब जाओ पड़ती हैं तारिख इनमे
निकली जा रही ज़िन्दगी इसी में.................,
नए आंकडे कहते ३ करोड़ से ज़्यादा हैं ये
पर हम पूछते कब होंगे आंकडे कम ये ....................,
कैसे होंगी लोगो की मुश्किलें कम
अरे, कोई तो सोचो इन ज़ख्मो का मरहम..............,
इस समस्या का यही है समाधान
दे न्यायाधीशों को उनका मान................,
और की जाए न्यायाधीशों की नियुक्ति
हमारी समझ में ये भी है एक युक्ति..............,
परन्तु न भूलो इश्वर को
क्योकि वो दे समझ सभी को ...............,
हे इश्वर लाओ इस न्यायापरानाली में कोई करिश्मा
ताकि जलती रहे न्याय के प्रति उम्मीद की शमा..............,
कृपया न समझे इसे किसी पर प्रहार
अन्यथा न ले इसे, व्यक्त करती हु आभार.............